दहेज के लिए घर से निकाला, बिना इंटरनेट गांव में रह कर की UPSC की तैयारी, मेहनत से बनी IRS ऑफिसर

दोस्तों सबसे कठीन एग्जाम माना जाने वाला यूपीएससी का एग्जाम क्रैक कर लाखों युवाओं का सपना होता है आईएएस तथा आईपीएस बनना.लेकिन हमारे देश के युवा अपनी जी-जान लगाकर कठिनाईयों का सामना करते हुए यूपीएससी को क्रैक कर अपने सपने को साकार कर अन्य युवाओं का मनोबल बढ़ाते हैं.

आज के इस लेख द्वारा हम आपको एक ऐसी आईआरएस एवं यूपीएससी क्रैकर के विषय में बताएंगे जिन्हें उनकी फैमिली ने दहेज को लेकर अपने घर से बाहर कर दिया.वह बहुत हताश हुई लेकिन यूपीएससी की तैयारी बिना इंटरनेट के अपने गांव में की और अपने परिश्रम के बदौलत आईआरएस ऑफिसर बनी.

वह आईआरएस ऑफिसर हैं कोमल गणात्रा जो आज सभी लड़कियों के लिए उदाहरण बनी हुई हैं। उन्होंने अपनी मंजिल के लिए रास्ता स्वयं बनाया और दृढ़संकल्प की बदौलत सपने को साकार किया.उन्हें अपने मुकाम को हासिल करने में लोगों के ताने परिवार से तकलीफ़ तथा कई विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा.

कोमल का जन्म गुजरात के अमरेली में हुआ जो एक मीडियम फैमिली से ताल्लुक था.उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न की और आगे कुछ बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बारे में सोचा परंतु उनकी आयु मात्र 26 साल की ही थी तब वह वैवाहिक बंधन में बंध गई जिस कारण उनकी ख्वाहिश दबी रह गई.उनकी शादी एक NRI लड़के से हुई परंतु यह शादी सफल नहीं रहा.उन्होंने वर्ष 2008 में यूपीएससी का मैंस एग्जाम क्लियर किया था परंतु शादी तय होने के कारण उन्होंने इंटरव्यू में पार्टिसिपेट नहीं किया.

अभी शादी के मात्र 15 दिन ही हुए थे तब तक उनके जिंदगी में भूचाल आ गया.उनके ससुराल वालों ने उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया और घर से बाहर का रास्ता दिखाया.इस दौरान उनके पति से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला और वह भी विदेश के लिए निकल गए.कोमल उनका इंतजार करती रहीं कि वह कभी ना कभी तो लौट के आएंगे उनके विषय में हर जगह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की परंतु सारी कोशिशें नाकाम रही.

जब उन्हें कुछ सफलता हाथ नहीं लगी तो वह अपने माता-पिता के घर आ गई.इस दौरान उन्हें बहुत से लोगों ने बहुत कुछ सुनाया जिसका वह सामना नहीं कर पा रही थीं.इसीलिए वह अपने गांव छोड़ अन्य गांव की तरफ रवाना हुई.वहां इंटरनेट की कोई व्यवस्था नहीं थी.मात्र इंग्लिश अखबार आया करता था फिर भी वह अपने यूपीएससी की तैयारी में लगी रहीं.यहां वह तैयारी के साथ स्कूल में बतौर शिक्षिका जॉब भी करती थीं.

उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम 3 बार दिया परंतु वह असफल हो जा रही थी फिर भी उन्होंने असफलताओं से सीख लेते हुए चौथी बार एग्जाम दिया.जिसमें वह सफलता हासिल कर अपने सपने को साकार कर पाईं.उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 591वीं रैंक हासिल कर आईआरएस ऑफिसर का पद प्राप्त किया.

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