सड़क के किनारे ठेले पर फल बेचते थे पिता, बेटा बना डिप्टी एसपी.

दोस्तों यह जीवन सभी के लिए एक सा नहीं होता किसी को सभी कुछ बहुत आसानी से मिल जाता है तो वही किसी किसी को इसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है, आज हम आपको ऐसे ही इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने बचपन से बहुत दुख देखे और कठिन परिस्थितियों में जीते हुए अपने जीवन को आसान बनाया और आज डिप्टी एसपी बनकर अपने माता पिता का नाम रोशन किया. आज हम जिस होनहार व्यक्ति की बात कर रहे हैं उनका नाम है अरविंद सोनकर अरविंद यूपी पीएससी 2022 की परीक्षा पास करके डिप्टी एसपी बन गए हैं. अरविंद एक गरीब परिवार से आते हैं जहां उनके पिता फलों का ठेला लगाते हैं वही मां घर को संभालती हैं, उस समय पिता गौरख सोनकर का सीना गर्व से चौड़ा हो गया जब मोहल्ले के लोगों ने उन्हें माला और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया और बधाई दी!


उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में सड़क के किनारे ठेले पर फल बेचने वाले गोरख सोनकर के बेटे का चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग मैं उन्होंने 86 वी रैंक हासिल की है, इस कामयाबी के पीछे अरविंद्र सोनकर के परिवार और माता-पिता का कठिन परिश्रम है. दरअसल 2 महीने पहले ही अरविंद की मां का कैंसर से देहांत हो गया, मुसीबतों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ मां के देहांत के दूध से उभरे नहीं चे के पिता को लकवा मार गया,


इस समय अरविंद की सबसे बड़ी मुश्किल यह थी कि वह फीस कहां से भरेंगे पिता का ठेला भी घर खड़ा हो गया था ऐसे में अरविंद के मामा ने बहन के घर की जिम्मेदारी उठाई और बहनोई का फल का ठेला वापस से लगा लिया. जिसके बाद के लिए यह रास्ता आसान हुआ, अरविंद की पढ़ाई से लेकर घर तक का फर्ज निकलने लगा.अरविंद बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे यह ललक देखकर उनके घर वालों ने उन्हें पढ़ाने का भरपूर प्रयास किया और मां टोकरी में फल बेचा करती थी,

पिता ठेला लगाते थे जैसे तैसे करके उन्होंने बेटे की पढ़ाई रुकने नहीं जी जब वह बड़े हो गए तो उन्हें भी दिल्ली एग्जाम की तैयारी करने के लिए भेज दिया पर लॉक डाउन होने के कारण अरविंद वापस अपने गांव आ गए यहां उन्होंने भी काफी समय तक फल भेजे जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो वह फिर अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली लौट गए, अरविंद के माता-पिता ने जो त्याग किया वह तारीफ के काबिल है उनके माता-पिता को धूप में जल कर फल भेजते रहे और अपने बेटे की पढ़ाई में कमी नहीं आने दी,

आपको बता दें अरविंद के घर में आज भी चूल्हे पर खाना बनता है, घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. उनकी प्राथमिक शिक्षा मऊ के रामस्वरूप भारती इंटर कॉलेज से हुई और फिर इलाहाबाद से स्नातक करने के बाद वह सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए, आज अरविंद के माता-पिता की कोशिशों से अरविंद सोनकर ने यह मुकाम हासिल किया है, के बाद परिवार में सभी बहुत खुश हैं और घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है

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