दोस्तों IAS अधिकारी रवि कुमार सिहाग की सफलता के किस्से हर प्रतिभागी को जानना चाहिए, क्योंकि उनके जीवन की कहानी से आपको जरूर प्रेरणा मिलेगी. राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के मूल निवासी रवि एक किसान के बेटे हैं

उन्होंने स्नातक होने तक अपने पिता के साथ खेतों में काम किया था. रवि कुमार सिहाग के माता-पिता ने यह जानकर खुशी व्यक्त हुई कि उनके बेटे ने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है.

रवि कुमार सिहाग ने हिंदी माध्यम से परीक्षा पास की. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए चार प्रयास किए, जिनमें से उन्होंने तीन में सफलता प्राप्त की. 2018 में, पहले प्रयास में सिहाग को 337वां रैंक और भारतीय रक्षा लेखा सेवा कैडर मिला.

2019 में, दूसरे प्रयास में वह 317 वीं रैंक और भारतीय रेलवे यातायात सेवा कैडर प्राप्त करने में सफल रहे. साल 2020 में तीसरे प्रयास में रवि यूपीएससी की परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे. उसके बाद 2021 में किसान के बेटे ने 18वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गए.

दिलचस्प बात यह है कि शुरुआती 17 रैंक वाले उम्मीदवार अंग्रेजी माध्यम से थे और 18वीं रैंक हासिल करने वाले रवि हिंदी माध्यम के उम्मीदवार थे. इसने उन्हें UPSC CSE 2021 में हिंदी माध्यम का टॉपर बना दिया. 2 नवंबर 1995 को जन्मे रवि के पिता रामकुमार सिहाग एक किसान हैं और उनकी मां विमला देवी एक गृहिणी हैं. वह तीन बहनों में इकलौता भाई है. उत्तर प्रदेश के यक्ष चौधरी ने भी अखिल भारतीय रैंक 6 हासिल करते हुए यूपीएससी सीएसई 2022 पास किया. उन्होंने सरकारी छात्रवृत्ति की मदद से अपनी पढ़ाई पूरी की.