दोस्तों भारतीय रेलवे परिवहन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है. लोग ज्यादातर रेलवे से यात्रा करना पसंद करते हैं और सामान आसानी से ट्रेन के माध्यम से ले जाया जा सकता है. विकासशील देशों में रेलवे देश की अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं. छोटे वेंडर और दुकानदार भी रेलवे स्टेशन पर सामान बेचकर मुनाफा कमाते हैं.

रेल यातायात, सिग्नलिंग और संचार की एक कुशल प्रणाली है. यह भारत की आर्थिक जीवन रेखा भी है क्योंकि कई यात्री प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं. हममें से ज्यादातर लोगों के पास ट्रेनों में यात्रा करने का अनुभव होगा. आइये जानते हैं भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन कब और कहां से चली थी.

भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 3 फरवरी, 1925 को बॉम्बे वीटी ((अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई) और कुर्ला हार्बर के बीच चली थी. ट्रेन को 1500 वोल्ट डीसी (डायरेक्ट करंट) पर विद्युतीकृत किया गया था. इसे तत्कालीन बॉम्बे गवर्नर सर लेस्ली विल्सन ने झंडी दिखाकर रवाना किया था. कैमेल लैयर्ड और उर्डिंगेन वैगनफैब्रिक (वैगन फैक्ट्री) ने इस ट्रेन के लिए लोकोमोटिव का निर्माण किया था.

सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोती के अनुसार सेंट्रल रेलवे अपने यात्रियों को चार लाइनों पर सर्वोत्तम संभव और आरामदायक यात्रा प्रदान करना जारी रखेगा. मेन, हार्बर और ट्रांसहार्बर और चौथा कॉरिडोर (नेरुल/बेलापुर-खारकोपर).बाद में नासिक के इगतपुरी जिले और फिर पुणे तक बिजली लाइन का विस्तार किया गया. 5 जनवरी1928 को कोलाबा और बोरीवली के बीच पश्चिम रेलवे के उपनगरीय खंड पर 1500 वोल्ट डीसी ट्रैक्शन शुरू किया गया था और 15 नवंबर 1931 को मद्रास बीच और दक्षिण रेलवे के तांबरम के बीच किया गया था. इस प्रकार, स्वतंत्रता से पहले, भारत में 388 KM डीसी विद्युतीकरण था

जोधपुर रेलवे स्टेशन से बांद्रा के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन बुधवार को रवाना हुई। यह ट्रेन इसलिए भी खास थी क्योंकि वर्षों बाद पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन जोधपुर से रवाना हुई है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर रेल मंडल के इतिहास में यह स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। इसको लेकर रेलवे के अधिकारियों ने भी खुशी जताई है। रेलवे के अनुसार इससे लॉजिस्टिक के साथ-साथ पैसेंजर ट्रेन को भी गति मिलेगी। उससे समय की बचत होगी और सुविधा भी बढ़ेगी। ट्रेन बुधवार शाम 7:30 बजे रवाना हुई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस जोधपुर से चलकर मुंबई तक जाती है। हालांकि बुधवार सुबह भी मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी इलेक्ट्रिक इंजन के साथ जोधपुर पहुंची थी।

जोधपुर से लूणी, मारवाड़ जंक्शन रेल खंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए काम चल रहा था। कुछ दिनों पूर्व रेल विभाग के उच्च अधिकारियों के दौरे के बाद यहां से इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के संकेत मिले थे। इसके बाद रेलखंड के विद्युत पोल में करंट प्रवाहित कर ट्रायल किया गया।