दोस्तों बॉक्सर निखत जरीन ने दिल्ली में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीत लिया है। वे ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज बनी हैं। उनसे पहले मैरीकॉम यह कारनामा कर चुकी हैं।निखत के बाद टोक्यो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन ने भी गोल्ड जीता। वे पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। लवलीना भारत की 8वीं वर्ल्ड चैंपियन हैं। यह इस चैंपियनशिप में भारत का चौथा गोल्ड है। लवलीना-निखत से पहले स्वीटी और नीतू ने गोल्ड जीते हैं।

50 KG वेट कैटेगरी में बतौर डिफेंडिंग चैंपियन उतरी 26 साल की निखत ने वियतनाम की दो बार की एशियन चैंपियन गुयेन थी ताम को 5-0 से हराया। वहीं, 75 किग्रा कैटेगरी में लवलीना बोरगोहेन ने ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज केटलीन पार्कर को 5-2 से हराया।

जीत के बाद बोलीं निखत- आप मुझे सपोर्ट करते रहो, मैं देश का नाम रोशन करती रहूंगी
‘मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर बेहद खुश हूं, खासकर एक अलग वेट कैटेगरी में। इस टूर्नामेंट में आज का मुकाबला सबसे कठिन मुकाबला था और चूंकि यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच था, इसलिए मैं अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती थी और सब कुछ रिंग में छोड़ देना चाहती थी।

यह बाउट का एक रोलर कोस्टर था, जिसमें हम दोनों को चेतावनी के साथ-साथ 8 काउंट भी मिले और यह बहुत करीबी मैच था। अंतिम राउंड में मेरी रणनीति थी कि मैं पूरी ताकत से आक्रमण करूं और जब विजेता के रूप में मेरा हाथ उठा, तो मुझे बेहद खुशी हुई। यह पदक मेरे देश और उन सभी के लिए है, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारा समर्थन और हमारी हौसला अफजाई की है। सभी भारतीयों से यही कहना चाहूंगीं कि आप मुझे ऐसे ही सपोर्ट करते रहो और मैं ऐसे ही देश का नाम ऊंचा करती रहूंगी।

डिफेंडिंग चैंपियन निखत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी पर शुरुआत से ही सटीक मुक्के बरसाए। उन्होंने वियतनामी बॉक्सर के हमलों को चकमा देने के लिए अपने तेज फुटवर्क का प्रयोग किया और पहली बाउट में दबदबा कायम रखा। तेलंगाना की मुक्केबाज निखत ने पहला राउंड 5-0 जीता।
दूसरे राउंड में गुयेन ने शानदार वापसी की और बाउट को 3-2 से जीतकर मुकाबले को रोमांचक कर दिया। ऐसे में आखिरी राउंड में निखत ने संयम बनाए रखा और एक जबर्दस्त पंच जमाकर सभी जजों को प्रभावित किया। उन्होंने इस बाउट को भी एकतरफा अंदाज में जीता। निखत के गोल्ड के बाद भारत के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कुल गोल्ड मेडल की संख्या 14 हो गई है। निखत से पहले नीतू और स्वीटी ने गोल्ड जीते थे। छह बार की चैंपियन मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी (2006), लेखा केसी (2006) और निखत जरीन (2022) ने यह कारनामा किया है।