दोस्तों कहते हैं सफलता तभी प्राप्त होती है जब कोई उसको पाने के लिए लंबा संघर्ष करता है और अगर बिना संघर्ष के ही आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तब आप इसमें कभी सफल नहीं हो पाएंगे। सोशल मीडिया पर हाल ही में ऐसे होनहार बच्चे की कहानी लोगों को खूब पसंद आ रही है

जिसने सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त कर लिया है और जिस किसी ने भी देखा है कि महज 22 वर्ष की उम्र में ही यह असाधारण प्रतिभा का बच्चा यूपीएससी परीक्षा को निकाल चुका है सभी लोग इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। आइए आपको बताते हैं सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में ही कैसे मुकुंद ठाकुर ने कुछ ऐसा इतिहास बनाया है कि आज सभी जगह उनके नाम की मिसाल पेश की जा रही है।

भारत के सबसे युवा आईएएस अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त करने वाले मुकुंद ठाकुर की कहानी इन दिनों जो कोई भी सुन रहा है तब सब का यही कहना है कि मुकुंद ने लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार अपने उस मुकाम को हासिल कर लिया जिसका उन्होंने बचपन से ख्वाब देखा था।

दरअसल मुकुंद ठाकुर ऐसे मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे थे जिनके पास शिक्षा के उच्च साधन नहीं थे और मैट्रिक तक की पढ़ाई उन्होंने अपने प्राथमिक विद्यालय से ही की थी लेकिन आगे की पढ़ाई करने के लिए मुकुंद अपने शहर आ गए थे और उसी दौरान उनकी मां ने ऐसी बात कही थी जो आज उनके काम आ रही है। आइए आपको बताते हैं मुकुंद ठाकुर ने कैसे आईएएस अधिकारी बनने के बाद खुद इस बात को साझा किया है कि उनकी मां के दिए गए उपदेश की वजह से ही आज वह इस काबिल बने हैं।

भारत के सबसे युवा आईएएस अधिकारी बनने वाले मुकुंद ठाकुर ने हाल ही में अपने दिए गए साक्षात्कार में यह बताया कि आखिर किस की प्रेरणा की वजह से वह यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पहली बार में ही निकालने में समर्थ रहे। मुकुंद ने बताया कि जब पढ़ाई के लिए उन्होंने अपने घर को छोड़ा था तब उनकी मां ने उनका हिम्मत बढ़ाते हुए यह कहा था कि जब तक तुम अपने सपनों को पूरा ना कर लो तब तक हार मत मानना और अपनी मां के दिए गए इस उपदेश का ही पालन करते हुए मुकुंद ठाकुर ने इतनी मेहनत दिखाई कि पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आज वह भारत के सबसे युवा आईएएस बनकर देश की सेवा करते नजर आ रहे हैं।