दिल्ली में 6 गज में तीन मंजिला मकान बनाने वाला पहले मजदूरी का काम करता था और बतौर राजमिस्त्री उसने यह पहली बिल्डिंग बनाई थी. स्थानीय लोग ने बताया कि यह अजूबा घर बना है वह उसी राजमिस्त्री की थी. अब वह इस मकान को बेचकर कहीं चला गया है. लोगों ने बताया कि ठेकेदार ने जब प्लॉटिंग की तो कोने का 6 गज का हिस्सा बच गया. इस 6 गज के हिस्से को राजमिस्त्री ने एक लाख रुपये में खरीद लिया.

स्थानीय लोग बताते हैं कि जिस जमीन पर यह अजूबा घर बना है वह उसी राजमिस्त्री की थी. उसने छोटी सी जगह पर 3 मंजिला मकान बनाकर सबको चौंका दिया, बाद में वह इस मकान को बेचकर कहीं चला गया. स्थानीय लोग बताते हैं कि जिसने इस अजूबे घर को बनाया वह पहले एक ठेकदार के यहां मजदूरी करता था. बाद में वह राजमिस्त्री बन गया. लोगों ने बताया कि ठेकेदार ने जब प्लॉटिंग की तो कोने का 6 गज का हिस्सा बच गया. इस 6 गज के हिस्से को राजमिस्त्री ने एक लाख रुपये में खरीद लिया
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 6 गज की जमीन पर बने तीन मंजिला मकान किसी अजूबे से कम नहीं है. इस मकान को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इस मकान को बनाने वाले मिस्त्री की कारीगरी सभी को हैरान कर देती है. बिहार के मुंगेर जिले के रहने वाले राजमिस्त्री का यह कमाल हर किसी को हैरान कर रहा है. घर बनाने का आइडिया कैसे आया और बाद में खरीदार ने कैसे यह घर अपने नाम किया है, वह भी कम दिलचस्प नहीं है.

इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर से ही पहली मंजिल पर जाने का रास्ता निकलता है और ग्राउंड फ्लोर पर ही सीढ़ियों से सटा एक बाथरूम भी है. ग्राउंड फ्लोर से ऊपर चढ़कर जब आप पहली मंजिल पर जाएंगे तो एक बेड रूम और उससे सटा बाथरूम नजर आएगा. बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए रास्ता निकाला गया है.

पहली मंजिल पर पहुंचते ही एक बेड आपको नजर आएगा. उस बेड को इस मकान के पहले मालिक ने कमरे के अंदर ही बनवाया था. तब से अब तक बेड उसी जगह पर है जहां वह पहले दिन से लगा था. मकान तिकोने आकार का है. यानी दरवाजे से शुरू होकर अंत तक जाते-जाते दीवारें त्रिभुज की तरह जुड़ जाती हैं.

पवन कुमार उर्फ सोनू इस मकान के मौजूदा मालिक हैं. न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में सोनू कहते हैं, ‘इस मकान को हमने 6-7 साल पहले अरुण कुमार नाम के एक शख्स से खरीदा था. अरुण कुमार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था और पेशे से वह कारीगर था. उसने खुद के रहने के लिए मकान बनाया था, लेकिन कर्ज के तले इतना दब गया कि उसे मौजूदा मकान मालिक को यह घर बेचना पड़ा.
पवन कुमार उर्फ सोनू इस मकान के मौजूदा मालिक हैं. न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में सोनू कहते हैं, ‘इस मकान को हमने 6-7 साल पहले अरुण कुमार नाम के एक शख्स से खरीदा था. अरुण कुमार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था और पेशे से वह कारीगर था. उसने खुद के रहने के लिए मकान बनाया था, लेकिन कर्ज के तले इतना दब गया कि उसे मौजूदा मकान मालिक को यह घर बेचना पड़ा.