03 साल पहले पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की थाई एप्पल की बागवानी, अब हर साल कमा रहे 40 लाख

दोस्तों जींद के उचाना खुर्द गांव में 70 साल बाद सरपंच पद पर सर्वसम्मति बनी है। ग्रामीणों ने डेरा बाबा फुल्लू साध में एकत्रित होकर सेवानिवृत्त एएसआई सतबीर सिंह के नाम पर स्वीकृति की मुहर लगाई। इससे पहले 1952 गांव में बूंटा सिंह सर्वसम्मति से सरपंच चुना गया था। गांव के लोगों ने पंचायत में सौहार्द और भाईचारे का संदेश देते हुए सरपंच के साथ-साथ ब्लॉक समिति सदस्य के नाम पर सहमति के अलावा जिला परिषद चुनाव में गांव के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने को लेकर सहमति बनी।

ग्रामीणों की पंचायत में हर मोहल्ला से कमेटी में सदस्य बनाए गए थे। मा. इंद्र सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद 70 साल के बाद सरपंच के नाम को सहमति के लिए तय किया गया। पंचायत में मौजूद सभी लोगों ने इस पर हामी भरी। अब गांव में सरपंच पद को लेकर एक नामांकन पुलिस से सेवानिवृत्त एएसआई सतबीर सिंह द्वारा भरे जाने का फैसला लिया गया।

ऐसे ही उचाना खुर्द के ब्लॉक समिति को लेकर रणबीर सिंह की पुत्रवधू किरण के नाम पर सहमति बनी। जिला परिषद के वार्ड नंबर 9 में शामिल उचाना खुर्द में उचाना खुर्द गांव के मतदाताओं द्वारा जिला परिषद का चुनाव लडने वाले बलवान पूनिया के पक्ष मतदान के फैसले पर सहमति बनी। इसके अलावा ब्लॉक समिति सदस्य एवं जिला परिषद से गांव के उम्मीदवार के नाम पर भी सहमति पंचायत में हुई।

ग्रामीण पाल व्यापारी, पं. कर्मचंद, सिकंदर, बलराज प्रधान, सुंदर, मा. शमशेर, मा. जयभगवान, मा.ज्ञानी राम, जिले सिंह, चंद्रभान फौजी, कृष्ण सोनी, पूर्व सरपंच भलेराम ने कहा कि इस तरह के फैसले समाज में एक-दूसरे के मन में भाईचारे की भावना को बढ़ाते है। इससे समाज में अच्छा संदेश जाता है तो चुनाव के दौरान जो आपस में मनमुटाव होता है वो सर्वसम्मति होने के बाद नहीं होता है

Leave a Comment