दोस्तों मुंबई शहर कितने लोगों का सपना होता है लाखों युवक रोज यह सपना देखते हैं और वह इस सपने को पूरा करने की कोशिश करते हैं कि वह किसी ना किसी तरह सपनों की नगरी मुंबई चले जाएं, पर यह सपना हर किसी का पूरा हो यह जरूरी नहीं, आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आपको थोड़ा सा झटका तो जरूर लगेगा क्योंकि यहां मामला एकदम उलट है जहां लोग मुंबई जाना चाहते हैं वहां एक युवक ने मुंबई शहर को छोड़कर अपने गांव को प्राथमिकता दी और वहीं पर खेती-बाड़ी शुरू की.

इस युवक का नाम मदन है,जो की मुंबई में कपड़ों के लाखों के टर्न ओवर का बिजनेस छोड़कर अपनेेेेे गांव वापस आकर खेती करने लगा। युवक ने ऐसा क्यों किया? शहर मेंं इतना बड़ा बिजनेस और इतनी अच्छी आरामदायक जिंदगी को छोड़कर गांव में आकर क्यों खेती करने लगे ?आइये जानते है-
मदन सिंह सोलंकी राजस्थान के जालौर जिले के तरवा नामक स्थान के रहने वाले है,दोस्तों मदन सिंह की खासियत है कि वह खेती-बाड़ी में कोई ना कोई एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं शुरुआत में उन्होंने कई एक्सपेरिमेंट किए लेकिन उन्हें इसमें कोई खास सफलता नहीं मिली इसके बावजूद वह हार नहीं माने और प्रयास करते रहे कहते हैं ना कोशिश करने वालों की हार नहीं होती,

मदन ने 5 साल खेती-बाड़ी में एक्सपेरिमेंट किए फिर भी असफलता हाथ लगी इस साल 2019 में उन्होंने अपने खेत में दो पालीहाउस लगाई इसमें उन्होंने सब्जियां उगाई और अपने फार्म हाउस में कंकड़ एज और गिर गाय का पालन भी किया, साथ ही उन्होंने पालीहाउस लगाकर खीरे की खेती शुरू की जिसमें सिर्फ खीरे की खेती से ही ₹2000000 सलाना की कमाई हो रही हैं, साथ ही गिर गाय का घी गुजरात तक सप्लाई किया जाता है,

अब उन्होंने अगले साल की तैयारी शुरू कर दी है पपीते और अनार के बगीचे तैयार किए हैं,अगले सीज़न मे इसकी फसल कर सकेंगे. मदन जी ने जो दो पालीहाउस बनाए हैं वह 2000 स्क्वायर फीट में है मतलब 2,000 2000 स्क्वायर फीट के एक-एक पॉलीहाउस है जिसमें उन्होंने खीरा और ककड़ी की खेती की है और उसमें सब्जियां भी उगाते हैं 2000 स्क्वायर फीट के एक पॉलीहाउस में वह 4000 खीरे के पौधे लगाते हैं जिससे उन्हें अच्छा खासा फायदा मिलता है।