UPSC में 03 अटेंप्ट के बाद चौथे अटेंप्ट में राजस्थान की परी बिश्नोई बनी IAS अधिकारी, जाने इस सफलता का राज

दोस्तों राजस्थान के अजमेर की रहने वाली आईएएस परी बिश्नोई अपने समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की थी. उनकी मां इंस्पेक्टर और पिता वकील हैं. वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं. परी सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर काफी लोकप्रिय हैं. जानिए उनका आईएएस बनने तक का सफर कैसा रहा.

आईएएस परी बिश्नोई का जन्म 26 फरवरी 1996 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ था. उनके पिता मनीराम बिश्नोई एडवोकेट और मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थानाधिकारी हैं (IAS Pari Bishnoi Family). उन दोनों ने बचपन से ही परी को आगे बढ़ते रहने और अपने मन का काम करने के लिए प्रोत्साहित किया था. आईएएस परी बिश्नोई अपने समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं.

परी बिश्नोई ने यूपीएससी परीक्षा के तीन अटेंप्ट दिए थे. इस बीच उन्होंने नेट-जेआरएफ परीक्षा क्लियर कर ली थी.आईएएस परी बिश्नोई ने अजमेर में स्थित सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है. उन्होंने 12वीं में ही तय कर लिया था कि वह आईएएस ऑफिसर बनेंगी. 12वीं के बाद वह दिल्ली आ गई थीं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी और उसके साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.

परी बिश्नोई ने यूपीएससी परीक्षा के तीन अटेंप्ट दिए थे. इस बीच उन्होंने नेट-जेआरएफ परीक्षा क्लियर कर ली थी. लेकिन उन्हें सिविल सर्विस में ही भविष्य बनाना था और इसीलिए वह देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने में जुटी रहीं. आखिरकार साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा के तीसरे अटेंप्ट में 30वीं रैंक के साथ वह सफल हो गई थीं.

आईएएस परी बिश्नोई सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर काफी लोकप्रिय हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 86 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी फोटोज़ शेयर करती रहती हैं. फिलहाल वह मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर पोस्टेड हैं.

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