दोस्तों समय-समय पर हमें ऐसी सच्ची कहानियां सुनने को मिलती हैं, जो इस बात को सच साबित करती हैं। ऐसी ही एक सच्ची कहानी हम आपको बता रहे हैं। ये कहानी है सौम्या शर्मा की, जो आज भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं.आईएएस अधिकारी बनने में इन्हें कौन-सी मुसिबतों का सामना करना पड़ा? परीक्षा में सफल होने के लिए इन्होंने क्या-क्या रणनीतियां अपनाई? इन सभी सवालों के जवाब आपको आगे की स्लाइड में मिल जाएंगे।

उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पहली बार 2017 में दी। एनएलयू से पढ़ाई पूरी होने के तुरंत बाद। तब सौम्या की उम्र 22 साल थी। सौम्या बताती हैं कि उन्होंने उचित तरीके से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी 19 फरवरी 2017 को शुरू की। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा से करीब चार महीने पहले।
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तब वह एनएलयू में लॉ की अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय भी कानून ही रखा था।
सौम्या के अनुसार, ‘मैंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग ज्वॉइन नहीं की थी। लेकिन हां, ज्यादा से ज्यादा टेस्ट सीरीज में एनरोल जरूर हुई। इससे काफी मदद भी मिली। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली। लेकिन मुख्य परीक्षा से करीह एक हफ्ते पहले से उन्हें बुखार हो गया।

सौम्या बताती हैं, ‘पूरे सप्ताह मेरा बुखार नहीं उतरा। परीक्षा के दिन भी तापमान 102 से नीचे नहीं जा रहा था। कभी-कभी तो 103 डिग्री तक पहुंच रहा था। मुझे दिन में तीन बार स्लाइन ड्रिप चढ़ाई जा रही थी। यहां तक कि परीक्षा के बीच के ब्रेक में भी मुझे ड्रिप चढ़ी थी।

सौम्या कहती हैं, ‘मुझे याद है जीएस-2 की परीक्षा के दौरान बीच-बीच में मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा रहा था। मैं तुरंत ऊर्जा के लिए चॉकलेट खाती और उत्तर लिखने में जुट जाती। सौम्या की सुनने की क्षमता भी काफी कमजोर है। वह हीयरिंग एड की मदद के बिना ठीक से सुन नहीं पातीं। लेकिन सौम्या ने इसका फायदा यूपीएससी परीक्षा में नहीं उठाया। उन्होंने सामान्य श्रेणी के तहत आवेदन किया था। पहले ही प्रयास में सौम्या इस परीक्षा में सफल हुईं। यूपीएससी 2017 की परीक्षा में सौम्या को देशभर में नौवीं रैंक हासिल हुई। तब वह 23 साल की थीं। सौम्या ने परीक्षा के लिए अपनी तैयारी की पूरी रणनीति भी बताई है।

अखबार पढ़ने की मेरी आदत ने मुझे बचपन से ही हमेशा मदद की। इस परीक्षा के लिए भी मैं रोजाना कई अखबार पढ़ती थी। मेरा मानना है कि सामान्य ज्ञान पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है। इस विषय में मेरा आधार मजबूत था। इतिहास और भूगोल में सामान्य ज्ञान ने मेरी काफी मदद की। क्योंकि मेरा वैकल्पिक विषय ऐसा था जिसकी पढ़ाई मैं पांच सालों से विवि में कर रही थी। इसलिए कम समय में इसकी तैयारी मेरे लिए ज्यादा मुश्किल नहीं रही। मेरी पढ़ने और समझने की गति अच्छी है। इसलिए परीक्षा के दौरान प्रश्न पढ़ने और समझने में मैंने ज्यादा समय नहीं गंवाया। मैंने विवि में प्लेसमेंट इंटरव्यू पास कर लिया था। इससे मुझे यूपीएससी के साक्षात्कार के तौर तरीके समझने में भी मदद मिली।