देवरानी-जेठानी ने एक साथ पास की UPPSC परीक्षा, एक को मिला DSP का पद दूसरी बनीं प्रिंसिपल

दोस्तों यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना सबसे जरूरी है। इतना वेस्ट सिलेबस और इतना डिफ़्रेंट पैटर्न, इन पर विजय पाने के लिए मेहनत का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता। लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली एक बात और है इस परीक्षा में कम्पटीशन इतना मुश्किल है कि कड़ी मेहनत के साथ साथ सही स्ट्रेटजी की भी जरूरत पड़ती है। मतलब कड़ी मेहनत को सफल बनाने के लिए सही रणनीति का होना कंपल्सरी है।

जैसा कि हमने पहले बात की कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों को साथ में मिला कर ही यूपीएससी में सफलता प्राप्त की जा सकती है। दोनों का ही अपना महत्व होता है। लेकिन इन दोनों में से ज्यादा फोकस किस आस्पेक्ट पर करना चाहिए यह सवाल अक्सर लोगों को कन्फ्युज कर देता है। और इस कन्फ़्युशन को दूर करने के लिए इन दोनों का मतलब समझना जरूरी है।

किसी भी काम को पूरा करने के लिए, किसी काम में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना ही हार्ड वर्क है। यदि एक मज़दूर पूरी मेहनत के साथ किसी भवन का निर्माण करता है तो यह उसके हार्ड वर्क के कारण हुआ है। यदि एक स्टूडेंट कड़ी मेहनत के साथ पढाई करता है, तो वह भी हार्ड वर्क कर रहा होता है। जबकि स्मार्ट वर्क का मतलब है अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करते हुए मेहनत करना, जिससे जल्दी और बेहतर परिणाम प्राप्त हो। जैसे कि भवन बनाने वाला वह मजदूर अगर अपनी फिजिकल लेबर को कम करने के लिए किसी टूल का इस्तेमाल करे। या फिर वह स्टूडेंट पढ़ाई को आसान बनाने के लिए किसी नोट्स का इस्तेमाल करे या फिर अपने दोस्तो से बात करते हुए किसी टॉपिक को समझ ले ताकि उसे बार बार खुद पढ़ने की जरूरत ना पड़े।

UPPSC की परीक्षा देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। वही बात इसमें चयनित होने वाले नामों की करें तो यह परीक्षा पास करने वाले लोग अक्सर इतिहास रचते हैं। आज हम बात कर रहे हैं बलिया जिले में रहने वाली एक देवरानी-जेठानी की जोड़ी की, जिन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2018 की परीक्षा पास की थी।

जेठानी शालिनी श्रीवास्तव ने इस परीक्षा को पास कर के प्रधानाचार्य का पद हासिल किया था, तो वहीं उनकी देवरानी नमिता शरण इस परीक्षा को पास कर पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयनित हुई थी। वर्तमान में शालिनी वाराणसी के रामनगर क्षेत्र राधा किशोरी राजकीय बाल विद्यालय इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात है। इसके पहले बलिया के सहतवार क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रजौली में अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। मालूम हो कि शालिनी और नमिता बलिया के सिकंदरपुर क्षेत्र के बनहरा निवासी डॉ ओम प्रकाश सिन्हा की बहूएं है।

दोनों देवरानी-जेठानी की सफलता के किस्से काफी लंबे समय तक चर्चाओं में रहे थे। इस दौरान दोनों ने इस परीक्षा को पास किया था। उस समय परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में खुशी की लहर थी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2018 के नतीजों की घोषणा हुई तो इस दौरान यह खबर सुर्खियों में रही कि डॉक्टर ओम प्रकाश सिन्हा कि दोनों बहुओं ने इस परीक्षा में बाजी मार ली।

Leave a Comment