दोस्तों दारा सिंह जी का जन्म 19 नवंबर 1928 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। वह प्रसिद्ध अभिनेता, पहलवान और नेता थे। इनका पूरा नाम दारा सिंह रंधावा था। बचपन से ही दारा सिंह मजबूत कद-काठी के थे यही वजह है कि उनका कुश्ती के प्रति रुझान उत्पन्न होने लगा था। धीरे-धीरे उनकी पहलवानी को सभी पसंद करने लगे और वह भारत के एक प्रमुख और एक कुशल पहलवान बन गए।

अपने जीवनकाल में दारा सिंह ने दो-दो शादियां की थी। 14 साल की उम्र में दारा सिंह ने अपनी पहली शादी बचनो कौर से की थी जो उनसे उम्र में बड़ी थी और नाबालिग होने के बावजूद दारा सिंह उस वक़्त एक बच्चे के बाप बन गए थे। फिर शादी के 10 साल बाद यानी कि साल 1952 में बचनो कौर का निधन हो गया जिसके बाद साल 1961 में दारा सिंह ने दूसरी शादी सुरजीत कौर से की।

दारा सिंह ने एक मुकाबले में अपने से कहीं ज्यादा वजनी ऑस्ट्रेलिया के पहलवान किंग कांग को पहले तो रिंग में पटखनी दी और फिर उन्हें उठाकर रिंग के बाहर ही फेंक दिया था। 200 किलो के किंग कोंग को 30 साल के दारा के द्वारा पटकना चर्चा का विषय बन गया था। दारा सिंह ने कई वर्ल्ड क्लास चैम्पियन्स के खिलाफ कुश्ती लड़ी। जिसमें जेबियोस्को और लू टीज की हार भी शामिल है।

दारा सिंह पहले ऐसे स्पोर्ट्समैन थे जिन्हें राज्यसभा के लिये नॉमिनेट किया गया था। साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया। साल 2009 तक दारा सिंह राज्यसभा सदस्य रहे। उन्हें रूस्तमे हिंद के साथ रूस्तमें पंजाब सारीखे कई नामों से नवाजा गया। यूकोन एरिच को हराकर उन्होंने कनाडियन ओपेन टेग टीम चैम्पियनशिप भी जीती थी।

साल 1952 में फिल्म ‘संगदिल’ से दारा सिंह ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी। इससे पहले दारा सिंह दुनिया भर के अखाड़ों में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके थे। इसके बाद ‘पहली झलक’ (1955), ‘किंग कौंग’ (1962) में नजर आए। फिल्म ‘किंग कौंग’ को महेश भट्ट के पिता नानाभाई ने डायरेक्ट किया था। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। फिल्मों में दारा सिंह की सबसे हिट जोड़ी मुमताज के साथ रही।

दारा सिंह ने साल 1976 में फिल्म ‘बजरंगबली’ में हनुमान का किरदार निभाया था। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इसके बाद दूरदर्शन के सबसे लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ में भी उन्होंने ‘हनुमान’ के किरदार को जीवित कर दिया। लोगों ने दारा सिंह को हनुमान के रूप में खूब पसंद किया। वो हनुमान के किरदार में हमेशा अमर रहेंगे। अंततः 83 साल की उम्र में दारा सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज दारा सिंह भले ही हम सभी के बीच नही हैं पर अपने कर्म के वजह आज वो लोगों के दिल में हैं।