अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम जारी है. यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर से गुजरेगा. 1224 किमी लंबे इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा 636 किमी राजस्थान से गुजर रहा है.राजस्थान में विकास को रफ्तार देने के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में भी काम जारी है । कोटपुतली-अंबाला ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस कॉरिडोर में वाहनें सरपट दौड़ सकेंगी। मालवाहक के साथ ही कार-बसें भी पहले की तुलना में कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।

1224 किमी लंबे इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा 636 किमी राजस्थान से गुजर रहा है. यह एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे पंजाब, हरियाणा, गुजरात को कनेक्ट करेगा. इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख से निर्यात में फायदा भी मिलेगा. यह देश का दूसरा सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे है, जिस पर इंटरचेंज या वे साइट के पास हेलिपैड बनाए जाने हैं.

यह एक्सप्रेसवे देश के 7 राज्य, 3 बड़ी रिफाइनरी और 3 पोर्ट को जोड़ेगा. निमार्णाधीन 1224 किमी लंबे इस कॉरिडोर का सबसे बड़ा पार्ट 636 किमी राजस्थान से गुजर रहा. इस कॉरिडोर में वाहनें सरपट दौड़ सकेंगी। मालवाहक के साथ ही कार-बसें भी पहले की तुलना में कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेंगी। एक्सप्रेस वे तक अन्य प्रमुख शहरों से पहुंच को आसान बनाने के लिए एक्सेस कंट्रोल रोड का निर्माण भी किया जा रहा है।

इन्हीं में से अंबाला-कोटपुतली एक्सेस कंट्रोल भी एक है। 313 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। ये कॉरिडोर देश की तीन रिफाइनरी पंजाब की भटिंडा एवं गुजरात की जामनगर और बाड़मेर रिफाइनरी को जोड़ेगा. इसी बीच, नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और जामनगर-अमृतसर इकॉनोमिक कोरिडोर को आपस में जोड़ने की भी योजना बनाई है.